राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय,नई दिल्ली

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राजभाषा विभाग


कार्य
राजभाषा संबंधी सांविधानिक और कानूनी व्यवस्थाओं का अनुपालन करने एवं संघ के सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए गृह मंत्रालय के एक स्वतंत्र विभाग की स्थापना जून, 1975 में की गई थी। अपनी स्थापना के समय से ही यह विभाग संघ के सरकारी कामकाज में राजभाषा हिंदी का प्रयोग बढ़ाने के लिए प्रयास करता आ रहा है। भारत सरकार (कार्य आबंटन ) नियम, 1961 के अनुसार, राजभाषा विभाग के कार्य निम्नलिखित हैं:--
1. संविधान में राजभाषा से संबंधित उपबंधों तथा राजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19) के उपबंध का कार्यान्वयन, वहाँ तक के सिवाय जहाँ तक इस प्रकार का कार्यान्वयन किसी अन्य विभाग को सौंप दिया गया है।
2. राज्य के उच्च न्यायालय की कार्यवाही में अंग्रेज़ी भाषा से भिन्न किसी भाषा का सीमित प्रयोग प्राधिकृत करने के लिए राष्ट्रपति का पूर्व अनुमोदन।
3. संघ की राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रगामी प्रयोग से संबंधित सभी मामलों के लिए नोडीय उत्तरदायित्व, केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए हिंदी शिक्षण योजना सहित पत्र-पत्रिकाओं और उससे संबंधित अन्य साहित्य का प्रकाशन।
4. संघ की राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रगामी प्रयोग से संबंधित सभी मामलों में समन्वय जिनमें प्रशासनिक शब्दावली, पाठ्य-विवरण, पाठ्य-पुस्तकें, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और उनके लिए अपेक्षित उपस्कर (मानकीकृत लिपि सहित) शामिल हैं।
5. केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा का गठन और संवर्ग प्रबंध।
6. केंद्रीय हिंदी समिति, इसकी उप-समितियों सहित, से संबंधित मामले।
7. विभिन्न मंत्रालयों / विभागों द्वारा स्थापित हिंदी सलाहकार समितियों से संबंधित कार्य का समन्वय।
8. केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो से संबंधित मामले।

भारतीय संघ के सभी केंद्रीय कार्यालयों और सार्वजनिक उपक्रमों आदि में सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को प्रोत्साहित करना और उनके कर्मचारियों को हिंदी सीखने की समुचित सुविधा सुलभ कराना राजभाषा विभाग का एक संवैधानिक दायित्व है। इस उद्देश्य से राजभाषा विभाग इनके लिए कक्षा-अध्यापन और दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से तीन स्तरों के हिंदी पाठ्यक्रम संचालित करता आ रहा है - प्रबोध, प्रवीण और प्राज्ञ। सूचना प्रौद्योगिकी और भाषा-शिक्षण के क्षेत्र में तेज़ी से आई क्रांति के फलस्वरूप राजभाषा विभाग ने अपने शिक्षार्थियों के लिए कंप्यूटर आश्रित भाषा शिक्षण की एक तीसरी धारा शुरू करने का निर्णय लिया जिसे सी-डैक के सहयोग से संपन्न किया गया जो सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग की एक स्वायत्त वैज्ञानिक सोसाइटी है।

. लीला हिंदी प्रबोध (डॉस, लिनक्स, विन्डोज़)
. लीला हिंदी प्रवीण (डॉस, लिनक्स, विन्डोज़)
. लीला हिंदी प्राज्ञ (विन्डोज़)
. वेब आधारित लीला हिंदी प्रबोध, प्रवीण, प्राज्ञ (इंटरनेट संस्करण)

अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें
तकनीकी सेल, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय,
दूसरी मंज़िल , लोकनायक भवन, खान मार्केट,
नई दिल्ली -110003
फ़ोन : (011) 4617695, 4619860, फैक्स : 91 - 11 - 4611031
email: This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.
website: http://rajbhasha.nic.in

केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान/हिंदी शिक्षण योजना

राजभाषा विभाग के अधीन केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान/हिंदी शिक्षण योजना द्वारा केंद्र सरकार के हिंदीतर भाषी कर्मचारियों को हिंदी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान कराना है जिससे वे अपने सरकारी कामकाज में हिंदी का प्रयोग कर सकें तथा राजभाषा हिंदी के प्रचार प्रसार में अपना योगदान दे सकें ।


संघ की राजभाषा से संबंधित सांविधानिक उपबंधों को क्रियान्वित करने के उद्देश्य से 1952 में हिंदीतर भाषी कर्मचारियों को हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान दिलवाने के लिए हिंदी शिक्षण योजना आरंभ की गई । प्रारंभ में यह योजना तत्कालीन शिक्षा मंत्रालय के अधीन थी, बाद में 1955 में इसे गृह मंत्रालय के अधीन कर दिया गया । सरकारी सेवा में आते ही हिंदी का सेवाकालीन प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से सन् 1985 में केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई ।


इस संस्थान द्वारा सेवाकालीन अंशकालिक/पूर्णकालिक हिंदी प्रशिक्षण, मैनुअल/इलैक्ट्रॉनिक/कंप्यूटर पर हिंदी टंकण/आशुलिपि प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशालाएं, अभिमुखी कार्यक्रम, पत्राचार पाठ्यक्रम के अंतर्गत हिंदी भाषा एवं टंकण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।


हिंदी प्रशिक्षण के आधुनिकीकरण के परिप्रेक्ष्य में हिंदी भाषा शिक्षण को भी कंप्यूटरीकृत किया गया है तथा राजभाषा विभाग द्वारा केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान के भाषा पाठ्यक्रमों के आधार पर सी-डैक, पुणे के सहयोग से हिंदी शिक्षण के लिए लीला प्रबोध, लीला प्रवीण तथा लीला प्राज्ञ साफ्टवेयरों का विकास करवाया गया है । आज इन साफ्टवेयरों द्वारा अंग्रेजी तथा 14 भारतीय भाषाओं के माध्यम से इंटरनेट पर नि:शुल्क हिंदी सीखी जा सकती है। इससे हिंदी सीखने वालों की संख्या में उत्तरोत्तर वृदि्ध होगी तथा सही अर्थों में राजभाषा हिंदी का प्रचार-प्रसार होगा ।

दिनांक: 8 अक्‍तूबर, 2009

निदेशक(केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान)

अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें -
निदेशक
केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय
7वाँ तल, पर्यावरण भवन
सी जी ओ कॉम्पलेक्स, लोधी रोड
नई दिल्ली - 110003
दूरभाष : (011) 24361852
फैक्स : (011) 24366794
ई-मेल : This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.
वेबसाईट : http://rajbhasha.gov.in
परीक्षा शाखा :
उप निदेशक (परीक्षा)
हिंदी शिक्षण योजना
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय
सेक्टर-1, ईस्ट ब्लॉक-7, लेवल-6
आर के पुरम,
नई दिल्ली - 110066
दूरभाष : (011) 26175176
फैक्स : (011) 26162093
ई-मेल : This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.



प्रगत संगणन विकास केंद्र
(सी-डैक)

गतिविधियाँ

प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक) संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त वैज्ञानिक सोसाइटी है। यह मूलतः उन्नत सूचना प्रौद्योगिकी समाधानों के डिजाइन, विकास और परिनियोजन से संबंधित एक अनुसंधान और विकास संस्था है।

सी-डैक की कुछ प्रमुख गतिविधियाँ इस प्रकार हैं-
. उच्च निष्पादन समानांतर कंप्यूटरों और उनके अनुप्रयोगों का विकास जो परम कंप्यूटर श्रृंखला के नाम से प्रसिद्ध है।
. बहुभाषा कंप्यूटिंग टैक्नॉलॉजी और समाधानों का विकास जो जिस्ट (Graphics and Intelligence based Script Technology) और उससे जुडे सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उत्पादों पर आधारित होते हैं।
. भाषा शिक्षण/अधिगम, मशीन अनुवाद, सूचना अन्वेषण और निर्णय सहायक अनुप्रयोगों आदि के लिए कृत्रिम बुद्धि और ज्ञान आधारित समाधान।
. उच्च कंप्यूटिंग प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (एक्ट्स)

ए. ए. आई. ग्रुप
सी-डैक के ज्ञानात्मक और कृत्रिम बुद्धि आधारित प्रमुख कार्यकलाप इस प्रकार हैं:

. कंप्यूटर आधारित भाषा अधिगम/शिक्षण सॉफ्टवेयर और ऑन-लाइन भाषा पाठ्यक्रम।
. मशीन आधारित अनुवाद प्रणाली (मंत्रा) जो राजभाषा विभाग और राज्यसभा के सहयोग से विकसित किया जा रहा है।
. सूचना अन्वेषण एवं पुन:प्राप्ति सिस्टम (अन्वेषक और सारांशक)
. डॉटा प्रबंधन और विश्लेषण प्रणाली
. यंत्रानुकरण और निर्णय सहायक सिस्टम
. वाक्-टेक्नॉलॉजी (स्पीच-टु-स्पीच अनुवाद)
. मोबाइल कंप्यूटिंग समाधान
वेब-आधारित लीला हिंदी प्रबोध, प्रवीण और प्राज्ञ पाठ्यक्रम
ए. ए. आई. ग्रुप की गतिविधियों में गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग के सहयोग से विकसित किए गए निम्नलिखित शिक्षण सॉफ्टवेयर शामिल है:
· लीला हिंदी प्रबोध
· लीला हिंदी प्रवीण
· लीला हिंदी प्राज्ञ
· वेब आधारित हिंदी प्रबोध, प्रवीण, प्राज्ञ (इंटरनेट संस्करण)
ये हिंदी पाठ्यक्रम अंग्रेजी के माध्यम से हैं। ये पाठ्यक्रम शीघ्र ही तमिल, तेलुगू ,कन्नड, और मलयालम के माध्यम से भी शुरू किये जाएँगे।
हाल ही में शुरु किए गए वेब-आधारित लीला हिंदी प्रबोध, प्रवीण और प्राज्ञ पाठ्यक्रमों की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
. प्रयोक्ता को हर हिंदी अक्षर और उसकी मात्राओं को ट्रेसर से लिखने, लेखन विधि को देखने, उच्चारण सुनने और पढ़ने की सुविधा उपलब्ध है।
. शब्द, वाक्य और पैराग्राफ के स्तर पर शुद्ध उच्चारण और अनुतान सुनने के लिए स्पीच इंटरफेस की सुविधा उपलब्ध है।
. सामान्य प्रयुक्त शब्दों और पाठों में आए शब्दों का एक कोश भी पाठ्यक्रम में उपलब्ध है। प्राज्ञ पाठ्यक्रम में हिंदी-अंग्रेजी प्रशासनिक शब्दावली भी उपलब्ध है। प्रबोध पाठ्यक्रम में वर्गीकृत शब्दों का संग्रह भी उपलब्ध है।
. यथावश्यक सांस्कृतिक टिप्पणियाँ भी दी गई हैं जिसमें कोश खंड ज़रिए प्रवेश किया जा सकता है।
. प्रबोध और प्रवीण की पाठ-सामग्री शैक्षिक दृष्टि से नियंत्रित और अनुस्तरित हैं। प्राज्ञ की विषय- सामग्री का चयन और अनुस्तरण विषय के अनुसार किया गया है।
. हर मूल पाठ के साथ एक वीडियो चलचित्र है जिससे प्रयोक्ता लिखे और बोले गए अंश को देख भी सकता है, सुन भी सकता है और समझ भी सकता है। वह ठीक अनुतान और व्यक्ति के हाव-भाव को भी समझ सकता है। यह सुविधा ऑडियो-वीडियो स्ट्रीमिंग तकनीक से उपलब्ध कराई गई है जिससे चित्र की गुणवत्ता बहुत अच्छी बनी रहती है। वीडियो का रीप्ले वाक्य और पैराग्राफ के स्तर पर किया जा सकता है।
. वेब-आधारित इन पाठ्यक्रमों में रिकॉर्ड और कम्पेयर की सुविधा भी उपलब्ध है जिससे प्रयोक्ता अपनी आवाज़ को रिकॉर्ड कर सकता है और फिर सॉफ्टवेयर में दिए मानक उच्चारण से उसकी तुलना कर सकता है।
. इंटरनेट के माध्यम से छात्र और अध्यापक के बीच अधिक निकट का संबंध स्थापित होता है। इसमें छात्र व्यक्तिनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर देकर अध्यापक को भेज सकता है और अध्यापक उन्हें जाँच कर छात्र के इनबॉक्स में लौटा सकता है।
. हर पाठ में आरेख और उदाहरण सहित उपयुक्त व्याकरणिक टिप्पणियाँ दी गई हैं।
. हर पाठ में कई तरह के अभ्यास हैं। छात्र के उत्तरों के सही या गलत होने का संकेत तुरत दे दिया जाता है। माउस क्लिक करके तुरत सही उत्तर भी उपलब्ध हो जाता है।
. हर पाठ के अंत में एक स्वमूल्यांकन परीक्षण है। जिन छात्रों ने पंजीकरण के समय नियंत्रित शिक्षण का विकल्प चुना है, उनके लिए इस परीक्षा में उत्तीर्ण होना ज़रूरी है अन्यथा अगला पाठ नहीं खुलेगा। जिन्होंने मुक्त शिक्षण का विकल्प चुना है, उनके लिए यह परीक्षा देना ज़रूरी नहीं है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें -
प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक)
एप्लाइड आर्टिफिशियल इंटैलीजेंस ग्रुप,
6वी मंजिल, एन.एस.जी. आय.टी. पार्क,
स. नं. - 127/2B/2A,
औंध, पुणे - 411 007,
महाराष्ट्र (भारत)
फ़ोन : (020) 25503314/15
फैक्स : (020) 25503314
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